देवउठनी एकादशी एक को, 18 नवंबर से बजने लगेगी शहनाई
रांची, कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी तिथि यानी एक नवंबर को श्रीहरि विष्णु की पूजा के शुभ संयोग के साथ तुलसी-शालिग्राम विवाहोत्सव मनाया जाएगा।
आचार्य मनोज पांडेय ने बुधवार को बताया कि देवउठनी एकादशी पर ध्रुव योग, रवि योग और त्रिपुष्कर योग के महासंयोग का निर्माण हो रहा है, जो इसे अत्यंत पावन और मंगलकारी बना रहे हैं। एकादशी तिथि 31 अक्टूबर की रात 4.02 बजे से शुरू होगा और एक नवंबर की रात 2.57 बजे तक रहेगा। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि एक नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन माता तुलसी और भगवान विष्णु के शालीग्राम अवतार के विवाह का विधान है। 
आचार्य ने बताया कि तुलसी के पौधे को धन की देवी मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। इस पौधे की घरों में सुबह-शाम पूजा की जाती है और संध्या में दीपक जलाया जाता है। तुलसी विवाह के दिन इनकी आराधना करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम की बढ़ोतरी होती है। तुलसी विवाह के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल आसन बिछाएं। माता तुलसी को स्थापित करें और दूसरी चौकी में भगवान शालीग्राम को स्थापित कर दें। दोनों चौकियों को एक दूसरे के पास में रखें। दोनों के ऊपर गन्ने से मंडप सजाएं। 
इस दिन से होगा लग्न शुरू
- नवंबर 18,19, 21,22, 24, 24, 25, 29, 30
- दिसंबर 01, 04, 05, 06
- 2026 फरवरी में 04, 05, 06, 07, 08, 10 11, 12, 13, 14, 15, 19, 20, 21, 24, 25 और 26
- मार्च 02, 04,05. 06, 07, 08, 09, 10, 11, 12, 13, 14














